मछली पालन किसानों के लिए एक उत्तम व्यवसाय है। किसान मछली पालन करके अपनी आय को आसानी से बढ़ा सकते हैं , मछली पालन आज कोई नया व्यवसाय नहीं है मानव जीवन के शुरुआत से हीं इसे जरुरत या जीविका के रूप में लोगों ने अपनाया है। आज इस पोस्ट में Fish Farming Bright Opportunity For Carrier के बारे में बात करेंगे कि fish farming कर के लाखों कैसे कमा सकते हैं।
आज के तकनिकी युग में मछली पालन एक समृद्ध व्यवसाय के रूप में उभरा है। आज यह प्रधानमंत्री के 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने की महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने में भी महतवपूर्ण भूमिका निभा रहा है इसके लिए भारत सरकार ने पीएमएमएसवाई (प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना जिसक) शुरू की है जिसके अंतर्गत किसानो को उचित वितीय एवं तकनिकी सहायता मुहैया कराई जाती है।
Fish Farming Bright Opportunity For Carrier : एक सुनहरा अवसर
खेती के साथ मछली पालन एक बहुत हीं उपयोगी व्यवशाय शाबित हो सकता है जैसे की किसान मछली की कुछ प्रजातियों का पालन आसानी से धान के साथ कर सकते हैं और एक हीं समय में कम खर्च और मेहनत में ज्यदा कमाई कर सकते हैं, साथ हीं अगर कोई किसान विशेष तौर पर केवल मछली पालन करना चाहते हैं तो वे सरकार द्वारा संचालित विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त कर इसकी शुरुआत कर कर सकते हैं।

मछली पालन गाँव के प्राकृतिक तालाबों से लेकर नये तालाबों का निर्माण कर सफलतापूर्वक कम संसाधन में उचित जानकारी के साथ कम खर्चे में किया जा सकता है। सामान्यतः भारत में पाई जाने वाली मछली की प्रजातियों में रोहू , कतला , मिर्गल , आदि प्रमुख हैं उचित प्रशिक्षण के माध्यम से इनका पालन कर कम खर्चों में अच्छा मुनाफा किसान कमा सकते हैं।
हाल के दिनों में विभिन्न कृषि शोध संस्थानों द्वारा बहुत सी नई प्रजातियों का इजाद किया गया है जिन्हें बहुत कम समय में पालकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकतें हैं ऐसी कुछ प्रजातियों में पंगास प्रमुख है जिसे भारत के अलग -अलग हिस्सों में अलग – अलग नामों से जाना जाता है। बिहार में यह जासर के नाम से प्रमुखता से जाना जाता है। मछली पालन को कृषि -विशेषज्ञों ने किसानो की ATM की संज्ञा दी है।
मछली पालन जितना आकर्षक आवश्यक है उतनी हीं इस व्यवसाय के लिए जमीनी स्तर पर ढेर सारी चुनौतियाँ भी हैं, जिनमें किसानों को इसके प्रति जागरूकता, प्रशिक्षण संस्थानों की जानकारी तथा भौगौलिक स्थिति। मछली पालन व्यवसाय वहीँ फल -फूल सकता है।
जहाँ इन तीनो स्तिथियों का उचित समावेश हो इसमें सबसे प्रमुख है प्रशिक्षण , अगर किसान बंधू अच्छे संस्थान से प्रक्षिक्षण प्राप्त करेंगे तो उन्हें किसी भी स्थिति में पालन करने के विभिन्न तकनीकों से अवगत कराया जाता है जो उनके भौगौलिक क्षेत्र के लिए उपयोगी ।इन्हीं कारणों से आज मछली पालन एक सर्भौमिक तौर पर किया जाने वाला व्यवशाय के रूप में उभरा है।
आज के कुछ उन्नत तकनीकों में RAS , बायोफ्लोक ,आदि प्रमुखता से लोकप्रिय हुआ है जिसे कम संसाधन में जैसे कम जल उपलब्धता जैसे भौगौलिक स्थिति में आसानी से किया जा सकता है और अधिक मुनाफा योग्य व्यवसाय के रूप में अपनाया जा सकता है।
भारत सरकार तथा प्रांतीय स्तर पर कुछ विशेष संस्थान किसानो को प्रशिक्षण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है जिसमे ICARCIFA भुनेश्वर ओड़िसा प्रमुख है, बिहार के किसान- बंधू FISHRIESCOLLEGEKISHANGANJ से प्रक्षिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही साथ भारत के सभी राज्यों में प्रशिक्षण की व्यवस्था उपलब्ध है।
किसान -बंधू प्रशिक्षण सम्बन्धी जानकारी के अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र से भी संपर्क कर सकते हैं या अपने जिले के जिला मत्स्य पदाधिकारी के कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं। मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के साथ-साथ सभी राज्य-सरकार प्रतिबद्ध है, और इसे बढ़ावा देने के लिए वित्तीय एवं तकनिकी सुविधा मुहैया करा रही है।
2 replies on “Fish Farming Bright Opportunity For Carrier”
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