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Muslim Population India Me Kyon Badh Rahi Hai – Untold Fact

आज के ब्लॉग में हम fact check करेंगे की Muslim Population India Me Kyon Badh Rahi Hai. कुछ समय पहले एक पोस्ट वायरल हुआ था सोशल मीडिया में कि कुछ साल बाद ऐसा होगा कि आपके होंगे चार वोट और अब्दुल के 50 वोट।

अब्दुल सरकार बनाएगा और आपके बेटों से अपने जूते साफ करवाएगा। यह पोस्ट खूब वायरल हुई थी। इस पोस्ट ने भारत में बहस छेड़ दी थी। हर न्यूज चैनल पर पंडित और मौलवी बहस करते नजर आ रहे थे।

भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ रही है…बढ़ रही है…बढ़ रही है लगाम लगाओ। जहां चार लोग खड़े होते बहस का मुद्दा यही होता। सभी यही सवाल पूछते है की देश में मुसलमानों की संख्या हिंदुओं से ज्यादा तेजी से बढ़ रही है!

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क्या आने वाले वक्त में देश में ज्यादा मुसलमानों की संख्या बढ़ रही है। क्या देश में मुसलमानों की सरकार आ जायेगी! क्या हिंदुओं का देश में बुरा हाल हो जाएगा! आखिर अचानक से ऐसा क्या हुआ की मुसलमानों की जनसंख्या इतनी बड़ी फिक्र की वजह बन गयी।

बड़ी चिंता की विषय बन गयी। सबसे बड़ी बात कितनी सच्चाई है इस दावे में की भारत में मुसलमानों की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और एक दिन इनका शासन आ जायेगा, तो आईये इस बात की गहराई तक आंकड़ों के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं।

Muslim Population India Me Kyon Badh Rahi Hai : मुस्लिम आबादी भारत में क्यों बढ़ रही है

दोस्तों यह सच्चाई कई लोगों को कड़वी लग सकती है लेकिन सच यही है। Muslim Population India Me Kyon Badh Rahi Hai समय-समय पर गलत आंकड़े बता कर और कन्फ्यूज कर के ये बताये जाते हैं।

यह खेल हाल के दिनों में बहुत तेजी से बढ़ा भी है। आईये थोड़ी पड़ताल करते हैं की आखिर Muslim Population India Me Kyon Badh Rahi Hai. हकीकत यही है कि 1951 के बाद से मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ने का जो दौर है या यह कहें रेट ऑफ ग्रोथ है वह हिंदुओं की तुलना में थोड़ी ज्यादा स्पीड से बढ़ रही है।

यह सच्चाई है रेट ऑफ ग्रोथ थोड़ी तेजी से बढ़ रही है। यह ऐसा सच है जिसे अनदेखा नही किया जा सकता। हर दस साल में की जाने वाली जनगणना के आंकड़ों को ध्यान से देखने के बाद इस फैक्ट्स को आसानी से समझा जा सकता है।

हर साल मुसलमानों के आबादी में हिंदुओं से ज्यादा बढ़ोत्तरी हो रही है। यह आंकड़े 2011 तक की जनगणना के आंकड़ें पर किये गए हैं क्योंकि साल 2021 में कोरोना जैसी महामारी आयी।

लेकिन हम इन आंकड़ों से यह अनुमान निकाले की देश में मुसलमानों की जनसंख्या हिंदुओं की जनसंख्या से सुपर सीड कर जाएगी। आने वाले दस साल या बीस साल में यह कितना सही है। इसे समझने के लिए हमें कुछ आंकड़ों पर ध्यान देना पड़ेगा।

यह जो अफवाह वहां उड़ाई जा रही है। देश में प्रोपगेंडा चलाया जा रहा है कुछ चीजों के लिए जैसे कुर्सी के लिये या जो आशंका है उसके चक्कर में इस पूरे अंडर करेंट को बहाया जा रहा है। पोलोराइजेशन किया जा रहा है।

ताकि वोट कमाया जा सके और पूरा का पूरा वोटर के दिमाग को बहला फुसला कर इस एंगल में ट्वीन किया जा सके कि मुसलमान आपके दुश्मन हैं और मुसलमानों की संख्या बढ़ रही है, तैयार हो जाओ कोई बहुत बड़ा आक्रमण होने वाला है।

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इस प्रकार से पूरा मेंटल ब्रेन वाश किया जा रहा है। अब ध्यान से पढ़िए जो हम बताने वाले हैं। यह बात सच है कि मुस्लिमों की बर्थ रेट ज्यादा है हिंदुओं से। अब गहराई से समझिए यह आंकड़े चौकाने वाले हैं।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि कई हिन्दू अपना धर्म परिवर्तन करवा कर और क्रिश्चन धर्म को अपना रहे हैं। क्रिश्चन ज्यादा मुस्लिम कम बन रहे हैं। जिसके वजह से मुसलमानों के साथ क्रिश्चन जनसंख्या भी हल्की हल्की बढ़ रही है।

दोस्तों जहां मुस्लिम और क्रिश्चनों की आबादी बढ़ रही है। वहीं हिंदुओं की आबादी लगातार कम हो रही है। यह भी सत्य है और ध्यान दीजिए पूरे आंकड़ों पर तब ही आप कोई राय बनाएंगे।

जनगणना और कुछ सर्वे के आधार पर यह बात साबित हो गई है की 1991 में देश की 84.5 प्रतिशत आबादी हिन्दू थी और आज के वक्त नेशनल फैमली हेल्थ डेटा सर्वे के अनुसार 2011 के जनगणना के अनुसार देश में हिंदुओं की आबादी 100 प्रतिशत से महज 80 प्रतिशत रह गयी है। सही बात है हिंदुओं की जनसंख्या कम हो गई है।

हिंदुओं में सीधे सीधे गिरावट देखी जा सकती है जो सही है। वहीं अगर मुस्लिम आबादी की बात की जाए तो इनकी आबादी 1951 के बाद धीरे धीरे बढ़ रही है।

अब डिफरेंस समझिए इस बात का एक मुस्लिम महिला अपनी प्रजनन अवधि के दौरान जब वह रिप्रोजेक्टिव दौर में रहती है तो वह  4.4 एवरेज के रुप में बच्चों को जन्म देती हैं यानी हर मुस्लिम परिवार में एवरेज रूप से 4 से 5 बच्चे पैदा हो रहे हैं।

उसी बनिस्पद आज की तारीख में इन आंकड़ों के मुताबिक हर हिन्दू महिला अपने जीवन रिप्रोजेक्टिव अवधि में 2.6 बच्चों को जन्म देती हैं। यानी हर हिन्दू परिवार में दो से तीन बच्चे। आप समझ रहे होंगे की यह ग्रोथ रेट है।

रिप्रोजेक्टिव रेट है वह किस तरीके से कम ज्यादा है। हिंदुओं की कम है मुस्लिमों की ज्यादा है। अब इस एंगल से देखें तो यह बात सत्य है कि बर्थ रेट ज्यादा होने की वजह से जनसंख्या बढ़ते क्रम में है और हिंदुओं की थोड़ी सी कम है।

लेकिन दोनों की आबादी बढ़ रही है कम किसी की नही पड़ रही। लेकिब बात को समझिए और एंगल देखिए 1951 से पहले रिप्रोडेक्टिव जो रेट था 5 और 6 का था मतलब हर मुस्लिम महिला 5 से 6 बच्चे पैदा कर रही थीं।

आजादी के बाद सब कुछ सही हो गया जहां साक्षरता आयी लोग समझने लगे की फैमली प्लांनिग क्या है तो वहां पर उस दर में गिरावट आई। ऐसा ही हिंदुओं में देखने को मिला यह बात रियलिटी है। अब जरा गौर से इस आंकड़ों को समझिए।

यह जो पूरे आंकड़े हैं यह आंकड़े सिर्फ इस बात को दर्शाते हैं कि साक्षर न होने की वजह से फैमली प्लांनिग न होने की वजह से निम्नतर लाइफ स्टैंडर्ड की वजह से यहां पर बच्चों की रिप्रोरोडक्शन रेट ज्यादा है मुस्लिमों की।

लेकिन अगर कोई यह कह दे की मुस्लिमों की रिप्रोडक्टिव रेट ज्यादा है और एक दिन ऐसा आएगा की देश में पचास प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की हो जाएगी और मुस्लिम अपनी सरकार बना लेंगे यह बिल्कुल गलत है।

क्योंकि जो गैप है वह बहुत बड़ा है। कहां 80 प्रतिशत और कहां 10 से 12 प्रतिशत। सोंच कर देखिए यह कभी नही हो सकता। मुस्लिमों की जनसंख्या कभी भी भारत के अंदर हिंदुओ से पार नही पा सकती।

कितना भी बढ़ोत्तरी आ जाए याद रखिये यह जो रिप्रोडक्टिव एज है जितना ज्यादा उन्नत होगा उतनी ही रिप्रोडक्टिव कम होती जाएगी। हिंदुओं में उन्नति आ गयी है। हिंदुओं की कम होते जा रही है धीरे धीरे। लोग समझ रहे हैं की तीन चार बच्चों को पैदा कर के पालना मुश्किल होगा तो हमें रुकना चाहिए।

यह तय कर रहे हैं समझ रहे हैं। जहां साक्षरता नही है वहां लोग नही समझ रहे हैं और आज भी ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं। फिर भी सन 1920 का जो रेट है वह भी आ जाये और डबल भी कर दिया जाए तो आने वाले 200-300 साल भी मुसलमान कभी भी हिन्दू जनसंख्या की सुपर सीड उसको हरा पछाड़ नही सकती।

इस देश में कितना भी कुछ हो जाये तो आज से दो सौ तीन सौ साल बाद भी अगर किसी प्रकार की गणना करेंगे तो हर पांच हिंदुस्तानी में 4 हिन्दू होंगे और एक मुसलमान होंगे। यह जो अफवाह फैलाई जा रही है की मुस्लमानों की आबादी बढ़ रही है और इसे कंट्रोल करना चाहिये वह सिर्फ पोलोराइजेशन के लिये किया जा रहा है।

इस झांसे में नही आइये और बेवजह आपस में लड़ कर इस देश को कमजोर न बनाईये यह बहुत बड़ी साजिश है जिसके तहत यह तय किया जा रहा है कि आपका वोट पार्टिकुलर वोट बैंक हो जाये और कुछ भी नही। हमारे देश का बस यही मूल सिद्धांत है एकता।

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